Tag: HIV का पता कैसे चलता है

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    HIV

    WHO के अनुसार, HIV ने अब तक लगभग 42.3 मिलियन लोगों की जान ली है। HIV का अर्थ है ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस। HIV शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करने वाली श्वेत रक्त कोशिका को नष्ट करके प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाती है। HIV से अन्य संक्रमणों और बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।

    HIV हमारे शरीर की श्वेत रक्त कोशिकाओं (WBCs) को नष्ट करती है (CD4 T कोशिकाएं) “ये कोशिकाएं बीमारी से लड़ने में हमारी बहुत मदद करती हैं”

    AIDS, यह HIV संक्रमण का अंतिम चरण होता है जिसमें वायरस की वजह से, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बुरी तरह से प्रभावित हो जाती हैं।

    कारण –

    • HIV से संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित योनि या गुदा मैथुन करने से
    • नशीली दवाओं की सुईयां को साझा करने से
    • HIV positive व्यक्ति के रक्त के संपर्क में आने से
    • गर्भावस्था के समय, मां से भ्रूण को
    • प्रसव के समय या स्तनपान के समय, मां से बच्चे को

    संक्रमण का खतरा –

    ऐसे लोग जिन्हें पहले से कोई अन्य यौन संचारित संक्रमण है (STD)

    लक्षण –

    • बुखार आना, ठंड लगना
    • खरोंच (Rash) दिखना
    • रात में पसीना आना (नींद के दौरान)
    • मांसपेशियों में दर्द होना
    • गला खराब होना
    • थकान
    • लिम्फ नोड्स में सूजन होना
    • मुंह में छाले होना।

    यही कुछ लक्षण 2 से 4 सप्ताह के अंदर महसूस होते हैं और गायब भी हो जाते हैं (इसी अवस्था को हम तीव्र HIV संक्रमण के नाम से जानते है)

    अगर इस संक्रमण का इलाज नहीं किया जाता है, तो यह क्रोनिक HIV संक्रमण में बदल जाता है (इस दौरान कोई भी लक्षण नहीं दिखाई देते)

    अगर फिर भी ईलाज नहीं किया जाता है, तो यह वायरस शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देगा और बाद में यह संक्रमण AIDS में बदल जाएगा (HIV संक्रमण का अंतिम चरण)

    जैसा कि प्रतिरक्षा प्रणाली गंभीर रूप से प्रभावित होती हैं जिससे अवसरवादी संक्रमण (OI) होने का खतरा बढ़ जाता है।

    जटिलताएं/नुकसान –

    • न्यूमोसिस्टिस निमोनिया (फंगल संक्रमण)
    • कैंडिडियासिस/थ्रश (इसमें मुंह, जीभ, ग्रासनली या योनि पर मोटी सफेद की परत का बन जाना)
    • तपेदिक/टीबी का होना
    • साइटोमेगालो वायरस (यह हर्पीज वायरस लार, रक्त, मूत्र, वीर्य और स्तन के दूध से फैलता हैं)
    • क्रिप्टोकोकल मेनिनजाइटिस
    • टॉक्सोप्लासमोसिस (टॉक्सोप्लाज्मा गोंडी परजीवी से होता है)

    HIV से जुड़े सामान्य कैंसर –

    • लिंफोमा (श्वेत रक्त कोशिकाओं का कैंसर)
    • कापोसी सार्कोमा (रक्त वाहिका की दीवारों का ट्यूमर)
    • ह्यूमन पैपिलोमा वायरस/HPV से जुड़ा कैंसर
    • वेस्टिंग सिंड्रोम (ज्यादा वजन का घटना)

    निदान –

    • एंटीजन – एंटीबॉडी परीक्षण (कुछ हफ्तों के भीतर दिखाई देना)
    • एंटीबॉडी परीक्षण
    • न्यूक्लिक एसिड टेस्ट/NATs (वायरल लोड) “पहला सकारात्मक परीक्षण”
    • CD4 T सेल काउंट (200 से कम – AIDS)

    उपचार –

    “एंटीरेट्रो वायरल थैरेपी/ART”

    1. नॉन न्यूक्लियोसाइड रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेज इन्हीबिटर्स (NNRTI) – एफेविरेज, रिलपीविरिन और डोराविरिन।

    2. न्यूक्लियोसाइड रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेज इन्हीबिटर्स (NRTI) – एबाकेविर, टेनोफोविर डिसोप्रॉक्सिल फ्यूमरेट, एमटिसिटाबाइन, लेमीवुडिन और जिडोवुडिन।

    3. प्रोटीज अवरोधक (PI) – एतजानवीर, दारूनवीर और लोपिनवीर – रीतोनवीर।

    4. इंटीग्रेज अवरोधक – बिक्टेग्राविर सोडियम – एमटिसिटाबाइन – टेनोफोविर एलाफेनामाइड फ्यूमरेट, राल्टेग्रावीर, डॉल्यूटेग्राविर और केबोटेग्राविर।

    5. प्रवेश या संलयन अवरोधक – एनफुविरटाइड और मारविरोक; इबालिजुमैब – उईक और फोस्टेमसाविर।

    उपचार के दुष्प्रभाव –

    • जी मिचलाना, उल्टी या दस्त होना
    • दिल की बीमारी होना
    • गुर्दे और यकृत को नुकसान होना
    • हड्डियों का कमजोर या क्षय होना
    • कोलेस्ट्रॉल स्तर असामान्य होना
    • रक्त शर्करा का बढ़ जाना
    • सोचने, भावनाओं और नींद से संबंधित समस्याएं होना।

    रोकथाम –

    • HIV की जांच करना
    • कम जोखिम वाले यौन व्यवहारों को शामिल करना
    • STI (यौन संचारित संक्रमणों) के लिए जांच और इलाज करवाना
    • नशीली दवाओं के इंजेक्शन ना लगवाये।
    • PrEP (प्री एक्सपोजर प्रोफ़ाइलैक्सिस) “ऐसे व्यक्ति जिन्हें पहले से HIV नहीं है परन्तु होने की संभावना अधिक रहती है तो उन्हें एक रोजाना ली जाने वाली दवा को दिया जाता है जिससे उनको HIV होने का खतरा कम हो जाये”
    • PEP (पोस्ट एक्सपोजर प्रोफ़ाइलैक्सिस) “ऐसे लोग जो HIV के संपर्क में आये हैं। संपर्क में आने के 72 घंटों के भीतर PEP शुरू किया जाता है”
    • पुरुष खतना/Male circumcision (लिंग से चमड़ी को हटाना – इससे HIV संक्रमण होने का खतरा कम हो जाता है)
    • स्वस्थ अच्छे भोजन खाएं (जो आपके शरीर को मजबूत बनाने में, अधिक ऊर्जा देने में और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करते हैं)।