WHO के अनुसार, 2023 में टीबी से 12.5 लाख लोगों की मृत्यु हुई है।(जिनमें 1,61,000 HIV पीड़ित शामिल हैं)टीबी जीवाणुजनित रोग है जो फेफड़ों पर आक्रमण करता है लेकिन ये अन्य भागों जैसे गुर्दे, रीढ़ और मस्तिष्क को भी प्रभावित कर सकता है।
कारण –
- टीबी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्यूलोसिस नामक जीवाणु से होता है।
- ये रोगाणु हवा के माध्यम से एक दूसरे में फैलते हैं। (खांसने, छींकने, बात करने या गाने से फैलते हैं)
- टीबी छूने से, चूमने से, भोजन से या बर्तन साझा करने से नहीं फैलते हैं।
किसे होने की अधिक संभावना है?
- HIV संक्रमित व्यक्ति को
- बीते हुए 2 वर्षों में टीबी से संक्रमित होने पर
- मधुमेह होने पर (टीबी के कीटाणुओं से लड़ना मुश्किल हो जाता है)
- शराब सेवन से उत्पन्न विकार या अवैध दवाओं का इंजेक्शन लेने से
- बीते हुए समय में टीबी का सही से इलाज नहीं होने पर
- अगर उम्र 5 वर्ष से कम है
- अगर आप वृद्ध हो
- ऐसी दवाईयां को लेना जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है (अंग प्रत्यारोपण के दौरान, स्वप्रतिरक्षी रोग के दौरान, स्टेरॉइड दवाईयां) ।
लक्षण –
“सामान्य लक्षण”
- ठंड लगना और बुखार आना
- रात में पसीना आना (नींद के दौरान)
- बिना प्रयास के वजन कम होना
- भूख में कमी होना
- कमजोरी या थकान महसूस होना।
“फेफड़ों में टीबी रोग के लक्षण”
- खांसी का 3 सप्ताह से अधिक समय तक रहना
- खांसते समय खून या थूक (बलगम) का बाहर आना
- सीने में दर्द महसूस होना।
निदान –
- स्टेटोस्कोप से सांसों को सुनना
- सूजे हुए लिम्फ नोड्स की जांच करना
- मरीज के लक्षणों के बारे में पूछना।
त्वचा परीक्षण –
एक ट्यूबरकुलिन नामक प्रदार्थ की छोटी सी मात्रा को बांह के अंदर की त्वचा में डाला जाता है और फिर 48 से 72 घंटों के अंदर, इंजेक्शन वाली जगह पर सूजन के लिए हाथ को चेक करा जाता है। त्वचा पर उभरे हुए निशान के आधार पर सकारात्मक या नकारात्मक परीक्षण निर्धारित किया जाता है।
रक्त परीक्षण
X – रे (फेफड़ों में अनियमित पैच दिखाई देना)
बलगम परीक्षण (खांसने पर निकलने वाले बलगम/स्पूटम के नमूने की जांच करना)
अन्य परीक्षण में –
- श्वास टेस्ट के द्वारा
- मस्तिष्क मेरुद्रव/Cerebrospinal fluid की जांच करके
- मूत्र की जांच करके
ईलाज –
- DOTS थैरेपी
- लेटेंट टीबी संक्रमण में, एक या दो तरह की दवाएं लेने की आवश्यकता होती हैं।
- सक्रिय टीबी संक्रमण में, कई दवाएं लेने की आवश्यकता होती हैं।
टीबी के ईलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं –
आइसोनियाजिड, रिफाम्पिन, रिफाबुटीन, रिफापेंटाइन, पायराजिनामाइड, एथैम्बुटोल ।
- निष्क्रिय टीबी संक्रमण के मरीज के लिए 3, 4, 6 या 9 महीने तक ईलाज चलता है।
- सक्रिय टीबी रोग के मरीज के लिए 4, 6 या 9 महीने तक का ईलाज चलता है।
उपचार के दुष्प्रभाव –
- पेट में खराबी होना
- उल्टी आना
- भूख में कमी होना
- तेज दस्त होना
- हल्के रंग का मल दिखना
- गहरे रंग का मूत्र दिखना
- त्वचा या आंखों का रंग पीला दिखना
- दृष्टि में परिवर्तन आना
- चक्कर या संतुलन में परेशानी आना
- हाथ पैरों में झुनझुनी होना
- आसानी से चोट लगना या खून बहना
- बिना कारण के वजन घटना
- बिना कारण के थकान महसूस होना
- उदासी या अवसाद होना
- खरोंच (Rash) होना
- जोड़ों में दर्द होना।
रोकथाम –
- आप घर पर ही रहे (काम पर या स्कूल में ना जायें)
- आप घर पर अलग रहे (घर के सदस्यों के साथ कम समय बिताए, और अपने अलग कमरे में सोएं)
- कमरे से हवा बाहर निकालने के लिए पंखे का इस्तेमाल करें
- अपने चेहरे पर मास्क लगाएं (लोगों के आसपास रहने पर मास्क पहने)
- अपने मुंह को ढके (छींक या खांसी आने पर मुंह को टिशू से ढके) ।
- टीकाकरण (BCG/बैसिल कैलमेट गुएरिन वैक्सीन) ।