हेपेटाइटिस “लीवर में सूजन आना” यह तब होती है जब शरीर/लीवर के ऊतक घायल या संक्रमित हो जाते हैं।
कारण –
- हेपेटाइटिस B हेपेटाइटिस B वायरस से होता है।
- यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के रक्त, वीर्य या अन्य शारीरिक तरल पदार्थ के संपर्क में आने से फैलता हैं।
- यौन संपर्क से, सुइयों को साझा करने से, आकस्मिक सुई चुभने से, गर्भवती महिला से नवजात शिशु में (प्रसव के दौरान)।
- हेमोडायलिसिस रोगी को
लक्षण –
तीव्र हेपेटाइटिस B संक्रमण के 2 से 5 महीने के बाद लक्षण दिखाई देते हैं
- गहरे रंग का पीला मूत्र
- दस्त होना
- थकान होना
- बुखार आना
- ग्रे/मिट्टी के रंग का मल
- जोड़ों में दर्द होना
- भूख का कम लगना
- जी मिचलाना या उल्टी होना
- पेट में दर्द होना
- पीली आंखे और त्वचा (पीलिया)
क्रोनिक हेपेटाइटिस B में जटिलताएं विकसित होने तक लक्षण नहीं दिखाई देते हैं
जटिलताएं/नुकसान –
- लीवर पर निशान पड़ जाना (सिरोसिस)
- यकृत में कैंसर होना
- लीवर फेलियर होना
निदान –
- चिकित्सा इतिहास (लक्षणों के बारे में पूछना)
- शारीरिक परीक्षा
- रक्त परीक्षण
- लीवर अल्ट्रासाउंड
- लीवर बायोप्सी।
उपचार –
1. तीव्र HBV संक्रमण के उपचार में
- आराम करना, उचित पोषण लेना, पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पीना।
- जब शरीर संक्रमण से लड़ रहा हो तो संक्रमण पर कड़ी निगरानी रखना।
2. क्रोनिक हेपेटाइटिस B के उपचार में
- एंटीवायरल दवाई (एन्टेकेविर, टेनोफोविर, लैमिवुडिन और एडेफोविर; इंटरफेरॉन)
- इंटरफेरॉन शॉट
- लीवर ट्रांसप्लांट
रोकथाम –
- नशीली दवाओं की सुईयां साझा न करें
- किसी अन्य व्यक्ति के रक्त या खुले घाव को छूना है तो दस्ताने पहने
- टैटू कलाकार या शरीर छेदने वाला व्यक्ति रोगाणुरहित उपकरण का उपयोग करें
- व्यक्तिगत वस्तुओं (टूथब्रश, रेजर या नाखून काटने की मशीन को आपस में साझा न करें)
- अपने सेक्स को सुरक्षित बनाए रखें
- यौन साथी से कहे कि अपनी जांच करवा लें।
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